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CAT 2025 रिज़ल्ट लाइव अपडेट: IIM कोझिकोड ने scorecards जारी किए, iimcat.ac.in से करें डाउनलोड CAT 2025 के परीक्षा परिणाम का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है। IIM कोझिकोड ने आज आधिकारिक वेबसाइट iimcat.ac.in पर CAT 2025 के scorecards जारी कर दिए हैं। उम्मीदवार अब अपने रिज़ल्ट और स्कोर कार्ड्स को डाउनलोड कर सकते हैं और प्रवेश प्रक्रिया की अगली चरणों के लिए तैयारी कर सकते हैं।CAT (Common Admission Test) भारत की सबसे प्रतिष्ठित मैनेजमेंट प्रवेश परीक्षाओं में से एक है। हर साल लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा में भाग लेते हैं और IIMs समेत देश की टॉप MBA संस्थानों में प्रवेश पाने की कोशिश करते हैं। CAT 2025 में भी उच्च स्तर की प्रतिस्पर्धा देखने को मिली, और आज के रिज़ल्ट ने उम्मीदवारी के साथ ही नए रिकॉर्ड भी बनाए।IIM कोझिकोड ने scorecards जारी करते हुए बताया कि उम्मीदवार रोल नंबर और पंजीकरण विवरण का उपयोग करके अपने रिज़ल्ट को iimcat.ac.in पर देख सकते हैं। स्कोरकार्ड में उम्मीदवार का विभागवार प्रतिशत, कुल स्कोर, percentile और CAT क्वांट, डेटा इंटरप्रिटेशन और वर्बल एबिलिटी सेक्शन के स्कोर की जानकारी उपलब्ध होगी।Scorecard डाउनलोड करने की प्रक्रिया:1. iimcat.ac.in पर जाएं।2. “CAT 2025 Result / Scorecard” लिंक पर क्लिक करें।3. रोल नंबर और पासवर्ड या जन्म त -
IRCTC डाउन? तत्काल टिकट बुकिंग करने वाले यूज़र्स ने सोशल मीडिया पर की शिकायत, लॉगिन और एरर की समस्याएं भारतीय रेलवे की प्रमुख ऑनलाइन बुकिंग वेबसाइट IRCTC बुधवार को तकनीकी परेशानियों का सामना कर रही है। विशेष रूप से तत्काल (Tatkal) टिकट बुकिंग के दौरान यूज़र्स को बार-बार लॉगिन और एरर की समस्याएं आ रही हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यात्रियों ने इस मुद्दे को लेकर जमकर शिकायत की है और #IRCTCDown जैसे हैशटैग के साथ अपनी परेशानियों को साझा किया।सुबह से ही कई यूज़र्स ने ट्विटर और फेसबुक पर लिखा कि वे तत्काल टिकट बुकिंग करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन बार-बार ‘Session Expired’, ‘Server Error’ और ‘Unable to login’ जैसे संदेश आ रहे थे। इससे न केवल यात्रियों की योजना प्रभावित हुई, बल्कि बहुत से लोग अपने जरूरी सफर के लिए टिकट बुक करने में असमर्थ रहे।IRCTC की वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन दोनों ही इस समय प्रभावित हैं। यात्रियों का कहना है कि विशेषकर peak hours में साइट धीमी हो जाती है और कई बार पूरी तरह से लोड ही नहीं होती। कई लोगों ने कहा कि उन्होंने टिकट बुक करने की कई कोशिशें की, लेकिन लगातार एरर आने के कारण सफलता नहीं मिली।रेल मंत्रालय और IRCTC की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। तकनीकी विशेषज्ञों का अनु -
बॉन्डी बीच शूटिंग के बाद, इज़राइल के नेतन्याहू ने ऑस्ट्रेलियाई पीएम पर आरोप लगाया कि वे यहूदी-विरोधी भावना बढ़ा रहे हैं ऑस्ट्रेलिया के बॉन्डी बीच में हाल ही में हुई शूटिंग के बाद इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए हैं। नेतन्याहू ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई नेतृत्व देश में यहूदी-विरोधी भावना को बढ़ावा दे रहा है और इस तरह के हमलों के लिए अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार हो सकता है। इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है।नेतन्याहू ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि "ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री की टिप्पणियों और नीतियों ने सामाजिक तनाव बढ़ाया है। यहूदी समुदाय को लगातार यह महसूस हो रहा है कि उन्हें सुरक्षा और सम्मान नहीं मिल रहा। बॉन्डी बीच की घटना इसका एक गंभीर उदाहरण है।" नेतन्याहू का यह बयान दुनिया भर में मीडिया में प्रमुख खबर बन गया और दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव की आशंका जताई जा रही है।बॉन्डी बीच में हुई शूटिंग के समय कई पर्यटक और स्थानीय लोग वहां मौजूद थे। इस हमले में कई लोग घायल हुए और घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठे। नेतन्याहू के अनुसार, ऑस्ट्रेलियाई नेतृत्व का रवैया यहूदी व -
मेसी भारत दौरा: सॉल्ट लेक स्टेडियम में हुई भगदड़ पर PIL, कोलकाता हाईकोर्ट में CBI, ED और SFIO जांच की मांग लियोनेल मेसी के भारत दौरे के दौरान कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम में हुए अराजक और भीड़ प्रबंधन की खामियों को लेकर न्यायिक जांच की मांग उठ गई है। मंगलवार को कोलकाता हाईकोर्ट में दो याचिकाएँ दायर की गईं, जिसमें CBI, ED और SFIO के माध्यम से पूर्ण जांच कराने की अपील की गई है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि स्टेडियम में भारी भीड़ के चलते सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह विफल रही और इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।मेसी के आगमन पर आयोजित कार्यक्रम में हजारों फुटबॉल प्रशंसक जुटे थे। सुरक्षा और आयोजन प्रबंधन में कमियों के कारण कई लोग घबराए और भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। इस घटना के बाद सोशल मीडिया और समाचार माध्यमों में भारी आलोचना हुई, जिसमें आयोजकों और स्थानीय प्रशासन पर जिम्मेदारी तय करने की मांग की गई।याचिकाओं में दावा किया गया है कि कार्यक्रम में होने वाली भारी भीड़ और सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी के चलते नागरिकों का जीवन जोखिम में पड़ा। इसलिए न्यायिक जांच जरूरी है। याचिकाकर्ता चाहते हैं कि CBI, ED और SFIO की संयुक्त जांच से पता चल -
नीतिन नवीन ने BJP वर्किंग प्रेसिडेंट पद को बताया पार्टी का आशीर्वाद, नेतृत्व का जताया आभार भारतीय जनता पार्टी में संगठनात्मक बदलावों के बीच नीतिन नवीन ने वर्किंग प्रेसिडेंट पद को पार्टी का आशीर्वाद बताते हुए शीर्ष नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त किया है। उनके इस बयान को पार्टी के भीतर एक सकारात्मक और संतुलित संदेश के रूप में देखा जा रहा है। नीतिन नवीन ने साफ किया कि यह पद उनके लिए केवल एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पार्टी नेतृत्व द्वारा दिया गया विश्वास और सम्मान है।नीतिन नवीन ने अपने बयान में कहा कि भारतीय जनता पार्टी में कार्यकर्ता से लेकर नेतृत्व तक हर भूमिका समान रूप से महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि वर्किंग प्रेसिडेंट जैसे पद पर नियुक्ति उनके लिए गर्व की बात है और वह इसे पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाएंगे। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष, संसदीय बोर्ड और वरिष्ठ नेताओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में काम करना उनके राजनीतिक जीवन का अहम हिस्सा है।पार्टी सूत्रों के अनुसार, वर्किंग प्रेसिडेंट की भूमिका संगठन को मजबूत करने, राज्यों के साथ समन्वय बढ़ाने और जमीनी स्तर पर पार्टी की पकड़ को और सुदृढ़ करने के लिए बनाई गई है। नी -
नीतिन नवीन को BJP अध्यक्ष क्यों नहीं बनाया गया: ‘वर्किंग प्रेसिडेंट’ रणनीति के पीछे की पूरी कहानी हाल के दिनों में भारतीय जनता पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को लेकर कई तरह की अटकलें सामने आईं, खासकर इस सवाल को लेकर कि नीतिन नवीन को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष क्यों नहीं बनाया गया। पार्टी के भीतर और राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज़ रही कि नीतिन नवीन एक मजबूत दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन अंततः पार्टी ने उन्हें शीर्ष पद न सौंपकर ‘वर्किंग प्रेसिडेंट’ मॉडल पर आगे बढ़ने का संकेत दिया। इस फैसले के पीछे पार्टी की दीर्घकालिक रणनीति और संगठनात्मक संतुलन की सोच छिपी हुई है।नीतिन नवीन का राजनीतिक सफर अपेक्षाकृत स्थिर और संगठन-केंद्रित रहा है। वे जमीनी राजनीति से जुड़े नेता माने जाते हैं और पार्टी संगठन में उनकी पकड़ को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने के साथ-साथ उन्होंने संगठनात्मक जिम्मेदारियों को भी प्रभावी ढंग से संभाला है। इसी वजह से उनके नाम को लेकर अटकलें तेज़ थीं कि पार्टी उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी भूमिका सौंप सकती है।हालांकि, भाजपा का नेतृत्व चयन अक्सर केवल योग्यता या लोकप्रियता के आधार पर नहीं होत -
संसद का शीतकालीन सत्र लाइव: सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार, विपक्ष से बातचीत के संकेत भी संसद का शीतकालीन सत्र हर बार की तरह इस बार भी राजनीतिक हलचल और तीखे आरोप-प्रत्यारोप के साथ शुरू हुआ, लेकिन पहले ही दिन सरकार की ओर से एक अहम संकेत दिया गया। सरकार ने स्पष्ट किया कि वह सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है और विपक्ष के साथ संवाद के लिए भी खुली है। यह संदेश उस समय आया है जब कई विधेयक, आर्थिक मुद्दे और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विषय सत्र के एजेंडा में हैं।संसदीय कार्य मंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार बहस से कभी पीछे नहीं हटती और वह चाहती है कि हर मुद्दे पर खुलकर, तथ्यों के आधार पर चर्चा हो। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष अगर रचनात्मक सुझाव लेकर आता है तो सरकार उन्हें सुनने के लिए सदैव तैयार है। यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले कुछ सत्रों में विपक्ष और सरकार के बीच कई बार टकराव, नारेबाज़ी और कार्यवाही बाधित होने जैसी स्थितियाँ बनी थीं।दूसरी ओर, विपक्षी दलों ने भी इस सत्र के लिए अपनी रणनीति तैयार कर ली है। महंगाई, बेरोज़गारी, कृषि क्षेत्र की चुनौतियाँ, चीन सीमा विवाद और आर्थिक नीतियाँ ऐसे प्रमुख मुद्दे हैं जि -
शिवराज पाटिल: हमेशा सजे-धजे रहने वाले गृह मंत्री, जिन्हें 26/11 ने पद से हटने पर मजबूर किया शिवराज पाटिल भारतीय राजनीति के उन चेहरों में से एक हैं जो अपने संतुलित व्यक्तित्व, शांत स्वभाव और हमेशा सजे-धजे रहने की आदत के लिए जाने जाते रहे। हालांकि उनका करियर जितना लंबा और प्रभावशाली रहा, उतना ही विवादास्पद मोड़ उन्हें 2008 के मुंबई आतंकी हमले यानी 26/11 के बाद झेलना पड़ा। यह वही घटना थी जिसने उन्हें देश के गृह मंत्री पद से इस्तीफा देने पर मजबूर किया और जिसे लोग आज भी एक बड़े राजनीतिक मोड़ के रूप में याद करते हैं।शिवराज पाटिल, कांग्रेस के अनुभवी नेता और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष, 2004 में यूपीए सरकार के गठन के बाद गृह मंत्री बनाए गए थे। उस समय उनकी छवि एक शांत, सुसंस्कृत और प्रशासनिक तौर पर व्यवस्थित नेता की थी। सरकार के भीतर भी उन्हें एक भरोसेमंद चेहरा माना जाता था। मगर 2008 आते-आते कई सुरक्षा चूक और लगातार आतंकी घटनाओं ने उनकी छवि पर दबाव बनाना शुरू कर दिया।फिर आया 26 नवंबर 2008 का वह काला दिन, जब दस पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला कर दिया। ताज होटल, ओबेरॉय, नरीमन हाउस और CST स्टेशन जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर हुए हमलों में दर्जनों निर्दोष लोग मारे गए। पूरा द -
बैंकिंग क्षेत्र में बड़ा बदलाव चेक क्लियरेंस सिस्टम हुआ तेज: ग्राहकों को मिलेगी बड़ी राहत पुराने दो दिन का इंतजार अब खत्म बैंक ग्राहकों के लिए यह एक बड़ी राहत भर -
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