बॉन्डी बीच शूटिंग के बाद, इज़राइल के नेतन्याहू ने ऑस्ट्रेलियाई पीएम पर आरोप लगाया कि वे यहूदी-विरोधी भावना बढ़ा रहे हैं
ऑस्ट्रेलिया के बॉन्डी बीच में हाल ही में हुई शूटिंग के बाद इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए हैं। नेतन्याहू ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई नेतृत्व देश में यहूदी-विरोधी भावना को बढ़ावा दे रहा है और इस तरह के हमलों के लिए अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार हो सकता है। इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है।
नेतन्याहू ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि "ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री की टिप्पणियों और नीतियों ने सामाजिक तनाव बढ़ाया है। यहूदी समुदाय को लगातार यह महसूस हो रहा है कि उन्हें सुरक्षा और सम्मान नहीं मिल रहा। बॉन्डी बीच की घटना इसका एक गंभीर उदाहरण है।" नेतन्याहू का यह बयान दुनिया भर में मीडिया में प्रमुख खबर बन गया और दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव की आशंका जताई जा रही है।
बॉन्डी बीच में हुई शूटिंग के समय कई पर्यटक और स्थानीय लोग वहां मौजूद थे। इस हमले में कई लोग घायल हुए और घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठे। नेतन्याहू के अनुसार, ऑस्ट्रेलियाई नेतृत्व का रवैया यहूदी विरोधी प्रवृत्तियों को रोकने में प्रभावी नहीं रहा, जिससे यह समुदाय असुरक्षित महसूस कर रहा है।
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने अपने जवाब में इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि उनका देश सभी धर्मों और समुदायों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह हमला अपराधियों की व्यक्तिगत हिंसा का मामला है और इसे राजनीतिक या धार्मिक कारणों से जोड़कर देखना उचित नहीं है।
विशेषज्ञों का मानना है कि नेतन्याहू का बयान केवल सुरक्षा मुद्दों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ऑस्ट्रेलिया-इज़राइल संबंधों में नए राजनीतिक तनाव को जन्म दे सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इज़राइल और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहले भी कई मुद्दों पर मतभेद रहे हैं, और यह बयान उनमें और कड़वाहट पैदा कर सकता है।
बॉन्डी बीच हमले ने ऑस्ट्रेलिया में यहूदी और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। नेतन्याहू का बयान इस संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित कर रहा है। कई मानवाधिकार और अंतरराष्ट्रीय संगठन भी इस मामले पर चिंता जता चुके हैं और उन्होंने दोनों देशों से संयम बरतने का आग्रह किया है।
विश्लेषकों का कहना है कि नेतन्याहू का यह बयान चुनावी और राजनीतिक रणनीति से भी जुड़ा हो सकता है, क्योंकि उनके देश में हाल ही में चुनावी माहौल और सुरक्षा मुद्दे प्रमुख हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया में प्रधानमंत्री की भूमिका को यह बयान चुनौतीपूर्ण स्थिति में डाल सकता है।
सुरक्षा विशेषज्ञों ने भी कहा है कि बॉन्डी बीच की घटना और नेतन्याहू के आरोप यह दिखाते हैं कि अंतरराष्ट्रीय और घरेलू सुरक्षा नीतियों में बेहतर समन्वय की आवश्यकता है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार को अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और अधिक ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
कुल मिलाकर, नेतन्याहू के बयान ने बॉन्डी बीच शूटिंग के बाद अंतरराष्ट्रीय विवाद को और बढ़ा दिया है। ऑस्ट्रेलिया और इज़राइल दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और राजनीतिक संवाद अब और महत्वपूर्ण हो गया है। इस मामले की आगे की प्रतिक्रिया और समाधान वैश्विक राजनीति में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।