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माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान में प्रत्यक्ष संचालन बंद किया: अब क्षेत्रीय कार्यालय और लोकल पार्टनर्स से मिलेगी सेवा दुनिया की अग्रणी टेक्नोलॉजी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने पाकिस्तान में अपना प्रत्यक्ष संचालन (Direct Operations) बंद करने का फैसला किया है। यह निर्णय पाकिस्तान में लगातार बिगड़ते राजनीतिक, आर्थिक और प्रशासनिक हालातों के चलते लिया गया है। अब माइक्रोसॉफ्ट की सेवाएं पाकिस्तान में सीधे तौर पर नहीं बल्कि रीजनल ऑफिस और लोकल बिज़नेस पार्टनर्स के माध्यम से दी जाएंगी। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि कंपनी अब वहां का संचालन स्थानीय सहयोगियों के सहयोग से जारी रखेगी, जिससे ग्राहकों को तकनीकी समाधान और समर्थन मिलना जारी रहेगा। बदलती रणनीति का कारण सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान में चल रही मुद्रा अस्थिरता, विदेशी निवेश में गिरावट, और कठिन टैक्स नीतियों के कारण कई बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ वहां से अपने ऑपरेशन्स सीमित या बंद कर रही हैं। माइक्रोसॉफ्ट का यह कदम भी इन्हीं जमीनी वास्तविकताओं का प्रतिबिंब है। ग्राहकों को सेवा जारी रहेगी हालांकि कंपनी का प्रत्यक्ष कार्यालय अब बंद हो चुका है, लेकिन माइक्रोसॉफ्ट यह सुनिश्चित कर रही है कि वहां के उपयोगकर्ताओं, कॉर्पोरेट ग्राहको -
महंगाई और मंदी की दोहरी मार: ओला-उबर किराया दोगुना, रोजमर्रा के सामान सस्ते, माइक्रोसॉफ्ट में छंटनी देश और दुनिया की अर्थव्यवस्था में इन दिनों तीन बड़े बदलाव चर्चा में हैं कैब किराए में बढ़ोतरी, रोजमर्रा के सामान की कीमतों में संभावित गिरावट, और माइक्रोसॉफ्ट द्वारा बड़े स्तर पर की गई छंटनी। ओला-उबर अब पीक ऑवर्स में वसूल सकेंगी दोगुना किराया नए परिवहन नियामकों के अंतर्गत, ऐप-बेस्ड टैक्सी सेवाओं ओला और उबर को अब अधिकार होगा कि वे पीक ऑवर्स (सुबह 8–11 बजे और शाम 5–9 बजे) में दोगुना तक किराया वसूल सकें। इससे उन यात्रियों को जेब पर ज्यादा भार पड़ेगा जो ऑफिस या घर आने-जाने के लिए कैब पर निर्भर हैं। हालांकि कंपनियों का कहना है कि यह फैसला ड्राइवर की कमाई बढ़ाने और उपलब्धता बनाए रखने के लिए लिया गया है, लेकिन यात्रियों के लिए यह एक और महंगाई की मार जैसा महसूस हो सकता है। टूथपेस्ट, कपड़े, जूते और बर्तन हो सकते हैं सस्ते दूसरी ओर, कुछ राहत भरी खबर भी सामने आई है। बाजार विशेषज्ञों का अनुमान है कि रॉ मटीरियल्स की कीमतों में गिरावट के कारण दैनिक उपयोग के कई प्रोडक्ट जैसे टूथपेस्ट, कपड़े, जूते और किचन बर्तन आने वाले समय में सस्ते हो सकते हैं। उद्योग जगत में प्रतिस्पर -
अब जेब पर और बोझ: ट्रेन का सफर हुआ महंगा, सोना ₹1,544 महंगा, जुलाई में 13 दिन बंद रहेंगे बैंक इस महीने की शुरुआत आम लोगों के लिए कई वित्तीय झटकों के साथ हुई है। एक ओर जहां रेलवे ने किराए में वृद्धि की है, वहीं सोने की कीमतों में भी बड़ा उछाल देखा गया है। इसके साथ ही जुलाई में 13 दिन बैंक बंद रहने वाले हैं, जिससे वित्तीय लेन-देन करने वाले नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 1. ट्रेन से सफर करना अब और महंगा भारतीय रेलवे ने किरायों में बढ़ोतरी की है, जिससे अब आम आदमी की यात्रा पर अतिरिक्त भार पड़ेगा। विशेषकर त्योहारों, गर्मियों और लंबे सप्ताहांत के समय टिकटों के दाम में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस वृद्धि का असर AC कोच, स्लीपर और यहां तक कि जनरल डिब्बों के किराए पर भी पड़ सकता है। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि ईंधन की लागत, रख-रखाव और अन्य परिचालन खर्चों में वृद्धि हुई है। रेलवे बोर्ड के अनुसार, यह बढ़ोतरी आवश्यक थी ताकि सुविधाओं का स्तर बनाए रखा जा सके। 2. सोने की कीमत ₹1,544 बढ़कर ₹97,430 प्रति 10 ग्राम हुई सोने में निवेश करने वालों के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि इसकी कीमत में ₹1,544 की तेजी दर्ज की गई है। इसके साथ ही सोना अब ₹97,430 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया -
SEBI बोर्ड मीटिंग में ऐतिहासिक फैसले: स्टार्टअप्स, PSU डीलिस्टिंग और FPI के लिए नए नियम सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने अपनी बोर्ड मीटिंग में कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। यह बैठक बुधवार, 18 जून 2025 को आयोजित हुई थी और इसकी अध्यक्षता SEBI चेयरमैन तुहिन कांता पांडे ने की थी। यह SEBI चेयरमैन बनने के बाद उनकी दूसरी बोर्ड मीटिंग थी, जिसमें स्टार्टअप्स, PSU डीलिस्टिंग, विदेशी निवेश (FPI) और पुराने NSEL घोटाले जैसे मुद्दों को लेकर अहम घोषणाएँ की गईं। 1. स्टार्टअप्स के लिए ESOP में राहत SEBI ने स्टार्टअप्स को IPO के बाद भी अपने फाउंडर्स और कर्मचारियों के लिए ESOP (Employee Stock Option Plan) रखने की अनुमति दी है। अब तक यह नियम कड़ा था, जिससे स्टार्टअप्स प्रतिभाशाली पेशेवरों को आकर्षित करने में मुश्किल का सामना कर रहे थे। हालांकि, दुरुपयोग रोकने के लिए IPO से पहले एक साल का लॉक-इन पीरियड रखा गया है। 2. PSU डीलिस्टिंग नियम आसान सरकार की 90% या उससे अधिक हिस्सेदारी वाली सार्वजनिक कंपनियों (PSU) के लिए डीलिस्टिंग नियमों में राहत दी गई है। SEBI ने एक विशेष फ्रेमवर्क पेश किया है, जिससे इन कंपनियों को डीलिस्ट करना अब सरल होगा। 3. विदेशी निवेश (FPI) के नियम सरल विदेशी निवेशकों (FPI) के लिए नियमों में भी -
स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राशि ₹37,600 करोड़ तक पहुँची: 2023 से तीन गुना बढ़त, क्या ये काला धन है? 2024 के अंत में जारी आंकड़ों के अनुसार, स्विस बैंकों में भारतीयों का कुल जमा पैसा ₹37,600 करोड़ (लगभग 4.3 बिलियन स्विस फ्रैंक) तक पहुँच गया। यह 2023 की तुलना में तीन गुना अधिक है। यह अचानक बढ़ोतरी कई वजहों से हो सकती है जिनमें व्यापारिक गतिविधियों में इज़ाफ़ा, विदेशी निवेश में बढ़ोतरी और कंपनियों के खाते शामिल हैं। क्या यह पैसा काला धन है? सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि क्या यह धन अवैध है। विशेषज्ञों के अनुसार, स्विस बैंक में जमा हर पैसा काला धन नहीं होता। पिछले कुछ वर्षों में भारत और स्विट्ज़रलैंड के बीच कर सूचनाओं के आदान-प्रदान पर समझौते हुए हैं। ऐसे में स्विस बैंक में जमा नई पूँजी का बड़ा हिस्सा घोषित और टैक्स-सम्बंधित हो सकता है। स्विस बैंक किस तरह की जानकारी भारत सरकार को देता है? 2018 से भारत और स्विट्ज़रलैंड के बीच ऑटोमेटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन (AEOI) समझौता लागू है। इसके तहत दोनों देश हर साल खातों से जुड़ी जानकारी साझा करते हैं। अगर किसी भारतीय के खाते में जमा राशि टैक्स चोरी से जुड़ी होगी, तो उस पर कार्रवाई हो सकती है। किस तरह के खाताधारक यह रकम जमा कर रहे ह -
SEBI बोर्ड बैठक में निवेशकों के लिए बड़े फैसले: स्टार्टअप्स, FPI को राहत, PSU डीलिस्टिंग और IPO नियमों में हुआ बदलाव भारतीय पूंजी बाजार नियामक SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने बुधवार को हुई अपनी बोर्ड-मीटिंग में कई महत्वपूर्ण फैसलों की घोषणा की। ये फैसले खासकर स्टार्टअप्स, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) और सरकारी कंपनियों (PSUs) के लिए राहत लेकर आए हैं। इसके अलावा IPO और QIP (Qualified Institutional Placement) से जुड़े नियमों में भी सरलता और लचीलापन लाया गया है। स्टार्टअप्स को लिस्टिंग में राहत SEBI ने स्टार्टअप्स के लिए Innovators Growth Platform (IGP) के नियमों को और आसान बनाया है। अब स्टार्टअप कंपनियों के लिए लिस्टिंग के नियम अधिक सरल होंगे, जिससे वे जल्दी और कम खर्च में पब्लिक इश्यू के ज़रिए पूंजी जुटा सकेंगी। नए प्रस्तावों के अनुसार: स्टार्टअप को लिस्टिंग के लिए पहले की तुलना में कम ट्रैक रिकॉर्ड की आवश्यकता होगी। पब्लिक से पूंजी जुटाने की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और तेज़ होगी। IGP पर लिस्टेड कंपनियों को बाद में मेनबोर्ड पर शिफ्ट करना अब पहले से आसान होगा। विदेशी निवेशकों (FPIs) के लिए लचीलापन SEBI ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को लेकर भी नियमों में बदलाव किए हैं। अब FPI के लिए: निवेश प्रक्रिया क -
"डिजिटल बैंकिंग का नया युग: अब हर लेनदेन सिर्फ एक क्लिक दूर" डिजिटल बैंकिंग का नया युग: अब हर लेनदेन सिर्फ एक क्लिक दूर स्मार्ट बैंकिंग से बदली जिंदगी: सुरक्षित, तेज और आसान लेनदेन का अनुभव आज का युग तकनीक का है, और बैंकिंग भी इससे अछूती नहीं रही। पारंपरिक बैंकिंग जहाँ घंटों की लाइन और ढेर सारे कागजी कामों से जुड़ी थी, वहीं अब डिजिटल बैंकिंग ने पूरे सिस्टम को ही बदल दिया है। अब खाते खोलना हो, पैसे भेजने हों या फिर बिल भरना—हर काम बस एक क्लिक में हो सकता है। डिजिटल बैंकिंग के फायदे डिजिटल बैंकिंग ने ग्राहकों को 24x7 सेवाएं उपलब्ध कराई हैं। UPI, मोबाइल बैंकिंग ऐप्स, इंटरनेट बैंकिंग, और वૉલેટ्स जैसे विकल्पों ने बैंक को हर व्यक्ति की जेब तक पहुँचा दिया है। अब ना तो बैंक जाने की जरूरत है और ना ही समय बर्बाद करने की। इसके साथ ही ट्रांजैक्शन सुरक्षित भी हुए हैं। OTP, पासवर्ड, फिंगरપ્રિન્ટ, और फेस ID जैसे फीचर्स ने धोखाधड़ी के जोखिम को कम किया है। ग्राहक अपने खाते पर पूरा नियंत्रण रख सकते हैं और हर लेनदेन की जानकारी तुरंत प्राप्त कर सकते हैं। युवाओं और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए वरदान डिजिटल बैंकिंग ने विशेषकर युवाओं को आकर्षित -
"2025 में बैंकिंग कैसे बदलेगी? डिजिटल ट्रेंड्स और फिनटेक इनोवेशन पर नजर" अब खाता खोलना और भी आसान: जानिए ऑनलाइन बैंकिंग के नए नियम और फायदे आज के डिजिटल युग में बैंकिंग प्रणाली ने एक नया मोड़ ले लिया है। पहले जहां खाता खोलने के लिए लंबी कतारें, ढेर सारे दस्तावेज़ और बार-बार बैंक जाने की जरूरत होती थी, वहीं अब यह काम घर बैठे चंद मिनटों में हो सकता है। ऑनलाइन बैंकिंग ने आम जनता के लिए बैंकिंग को न केवल सरल बनाया है, बल्कि समय और ऊर्जा की बचत भी करवाई है। भारत में डिजिटल इंडिया अभियान के चलते बैंकिंग सेवाओं को भी तकनीकी रूप से मज़बूत किया गया है। अब ग्राहक वीडियो KYC (Know Your Customer) के माध्यम से खाता खोल सकते हैं। इसमें किसी शाखा में जाने की ज़रूरत नहीं होती। बैंक का प्रतिनिधि वीडियो कॉल के जरिए आपकी पहचान की पुष्टि करता है और दस्तावेज़ वेरिफिकेशन भी उसी दौरान हो जाता है। इसके अलावा, आधार और पैन कार्ड के माध्यम से ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करना अब बेहद आसान हो गया है। कई बैंक और फिनटेक प्लेटफ़ॉर्म्स जैसे Paytm Payments Bank, Airtel Payments Bank और अन्य डिजिटल बैंकिंग ऐप्स ने इस सुविधा को और तेज और भरोसेमंद बना दिया है। ऑनलाइन खाता खोलने के फायदे भी कम नहीं हैं। -
बैंकों में एनपीए नियंत्रण: प्रभावी रणनीतियां और समाधान बैंकों में एनपीए घटाने की रणनीतियां ग -
डिजिटल भुगतान में नई टेक्नोलॉजी का बढ़ता प्रभाव डिजिटल भुगतान में नई टेक्नोलॉजी का बढ -
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