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अब जेब पर और बोझ: ट्रेन का सफर हुआ महंगा, सोना ₹1,544 महंगा, जुलाई में 13 दिन बंद रहेंगे बैंक

इस महीने की शुरुआत आम लोगों के लिए कई वित्तीय झटकों के साथ हुई है। एक ओर जहां रेलवे ने किराए में वृद्धि की है, वहीं सोने की कीमतों में भी बड़ा उछाल देखा गया है। इसके साथ ही जुलाई में 13 दिन बैंक बंद रहने वाले हैं, जिससे वित्तीय लेन-देन करने वाले नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।


1. ट्रेन से सफर करना अब और महंगा

भारतीय रेलवे ने किरायों में बढ़ोतरी की है, जिससे अब आम आदमी की यात्रा पर अतिरिक्त भार पड़ेगा। विशेषकर त्योहारों, गर्मियों और लंबे सप्ताहांत के समय टिकटों के दाम में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस वृद्धि का असर AC कोच, स्लीपर और यहां तक कि जनरल डिब्बों के किराए पर भी पड़ सकता है।


इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि ईंधन की लागत, रख-रखाव और अन्य परिचालन खर्चों में वृद्धि हुई है। रेलवे बोर्ड के अनुसार, यह बढ़ोतरी आवश्यक थी ताकि सुविधाओं का स्तर बनाए रखा जा सके।


2. सोने की कीमत ₹1,544 बढ़कर ₹97,430 प्रति 10 ग्राम हुई

सोने में निवेश करने वालों के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि इसकी कीमत में ₹1,544 की तेजी दर्ज की गई है। इसके साथ ही सोना अब ₹97,430 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है।


विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक बाजार में आर्थिक अनिश्चितता, डॉलर की कमजोरी और केंद्रीय बैंकों की मौद्रिक नीतियों के चलते सोने की मांग में बढ़ोतरी हुई है। साथ ही, भारत में आगामी त्योहारी सीजन और शादी-विवाह के मौसम की तैयारी भी कीमतों को ऊपर धकेल रही है।


3. जुलाई में 13 दिन बंद रहेंगे बैंक

अगर आपको इस महीने बैंक से जुड़ा कोई जरूरी काम है, तो यह खबर आपके लिए अहम है। जुलाई 2025 में कुल 13 दिन बैंक बंद रहेंगे। इनमें रविवार, दूसरा और चौथा शनिवार, तथा राज्यों के अनुसार घोषित त्योहार शामिल हैं।


इन अवकाशों की वजह से नकद निकासी, चेक क्लीयरेंस और अन्य बैंकिंग सेवाओं पर असर पड़ सकता है। इसलिए लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने जरूरी बैंकिंग कार्यों को पहले से निपटा लें और डिजिटल भुगतान विकल्पों का उपयोग करें।


ट्रेन का सफर महंगा होना, सोने की कीमतों में तेज़ी और बैंकों की लंबी छुट्टियां — ये सभी बातें इस ओर इशारा करती हैं कि आम जनता को अपने खर्चों और वित्तीय योजनाओं को और सावधानी से प्रबंधित करना होगा। इन हालातों में उचित बजट प्लानिंग और डिजिटल विकल्पों का इस्तेमाल ही राहत दिला सकता है।