सोने के दाम ऑलटाइम हाई पर पहुंचे ₹2030 महंगा होकर ₹1.15 लाख पार चांदी ने भी रिकॉर्ड बनाया ₹1.44 लाख प्रति किलो
भारतीय सर्राफा बाजार में सोना और चांदी एक बार फिर से ऑलटाइम हाई का नया रिकॉर्ड बना रहे हैं। सोने की कीमतों में एक ही दिन में ₹2030 तक की बड़ी उछाल देखने को मिली है, जिसके बाद सोना अब ₹1.15 लाख प्रति 10 ग्राम के ऐतिहासिक आंकड़े को पार कर गया है। यह तेजी निवेशकों और आम उपभोक्ताओं दोनों के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि कीमती धातुओं की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि जारी है।
इस साल सोने ने दिया ₹39000 से अधिक का रिटर्न
आंकड़ों के अनुसार, सोने के दामों में इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक लगभग ₹39000 की रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह उछाल वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, भूराजनैतिक तनाव और केंद्रीय बैंकों की लगातार सोने की खरीददारी के कारण देखने को मिली है। सोने को हमेशा से ही सुरक्षित निवेश (Safe Haven) माना जाता रहा है, और मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों के चलते निवेशकों का रुझान एक बार फिर से इसकी ओर बढ़ा है, जिससे मांग में जबरदस्त इजाफा हुआ है।
चांदी ने भी बनाया रिकॉर्ड, ₹1.44 लाख प्रति किलो
सोने के साथ चांदी की कीमतों में भी भारी उछाल आया है। चांदी की कीमत ने भी रिकॉर्ड तोड़ते हुए ₹1.44 लाख प्रति किलो का आंकड़ा छू लिया है। औद्योगिक मांग और निवेश में बढ़ोतरी के कारण चांदी की कीमतों में भी अभूतपूर्व तेजी आई है। जानकार बताते हैं कि चांदी का उपयोग सोलर पैनल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उद्योगों में तेजी से बढ़ रहा है, जिससे इसकी कीमतों को लगातार समर्थन मिल रहा है।
कीमतों में क्यों आ रही इतनी तेजी
कीमती धातुओं के दामों में इस ऐतिहासिक तेजी के कई मुख्य कारण हैं। सबसे बड़ा कारण वैश्विक मंदी और महंगाई की आशंका है, जिसके चलते निवेशक अपनी पूंजी को सुरक्षित निवेश में लगाना चाहते हैं। इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और अमेरिकी डॉलर पर से निर्भरता कम करने की प्रवृत्ति भी सोने की कीमतों को बढ़ावा दे रही है। विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंक लगातार सोने की खरीददारी कर रहे हैं, जो बाजार में सोने की आपूर्ति को कम कर रहा है और कीमतों को ऊपर धकेल रहा है। अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भी सोने का वायदा भाव $3,700 प्रति औंस के पार चल रहा है, जिसका सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ रहा है।
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक वैश्विक अनिश्चितता और महंगाई का दबाव बना रहेगा, तब तक सोने और चांदी की कीमतों में यह तेजी जारी रह सकती है। यह स्थिति उपभोक्ताओं के लिए त्योहारों और शादियों के मौसम में ज्वैलरी खरीदना महंगा कर सकती है, जबकि निवेशकों के लिए यह एक आकर्षक समय बना हुआ है।