सालों के संघर्ष का फल: कैसे एक फिल्म ने बदल दी दर्शन कुमार की तकदीर
बॉलीवुड की चकाचौंध भरी दुनिया में कई कहानियां ऐसी भी हैं, जो सफलता के पीछे छिपे कड़वे संघर्ष को दिखाती हैं। इन्हीं में से एक कहानी है अभिनेता दर्शन कुमार की। आज भले ही वे अपनी दमदार एक्टिंग और सफलता के लिए जाने जाते हैं, लेकिन एक समय ऐसा था जब उन्होंने सालों तक रिजेक्शन का दर्द झेला और तो और, कई रातें उन्हें भूखे पेट ही सोना पड़ा था।
दिल्ली जैसे बड़े शहर से मुंबई जैसे सपनों की नगरी में आए दर्शन कुमार के लिए शुरुआती दिन किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं थे। उनके पास न तो कोई बड़ा फिल्मी बैकग्राउंड था और न ही कोई गॉडफादर जो उनकी मदद कर सके। वे रोजाना ऑडिशन के लिए स्टूडियो के चक्कर लगाते थे, घंटों लाइन में खड़े रहते थे, लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी। एक के बाद एक रिजेक्शन ने न सिर्फ उनके आत्मविश्वास को तोड़ा, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को भी बेहद कमजोर कर दिया था। ऐसा भी समय था जब उनके पास खाने तक के पैसे नहीं होते थे और उन्हें सिर्फ पानी पीकर ही सोना पड़ता था। उन्होंने अपनी आंखों से मुंबई में कई कलाकारों को गरीबी और निराशा के कारण अपने सपने छोड़ते हुए देखा था, और खुद भी उसी रास्ते पर थे।
लगातार मिल रही असफलताओं और निराशा से तंग आकर दर्शन कुमार ने आखिरकार एक्टिंग छोड़ने का मन बना लिया था। उन्होंने सोचा कि शायद यह पेशा उनके लिए नहीं है। अपने जीवन के करीब 10 साल इस संघर्ष में देने के बाद उन्होंने हार मान ली थी। वे वापस अपने शहर लौटने की योजना बना रहे थे, तभी किस्मत ने उनके लिए एक आखिरी दरवाजा खोला। यह दरवाजा था फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' का। उन्होंने इस फिल्म के लिए ऑडिशन दिया और उन्हें फिल्म में मुख्य भूमिका के लिए चुन लिया गया। यह उनके करियर का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।
दर्शन कुमार ने फिल्म द कश्मीर फाइल्स में कृष्णा पंडित का किरदार निभाया, जो एक कश्मीरी पंडित के दर्द और पीड़ा को दिखाता है। यह किरदार इतना प्रभावी था कि दर्शकों और समीक्षकों दोनों ने उनकी जमकर तारीफ की। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई की और 341 करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन किया। इस एक फिल्म ने दर्शन कुमार की किस्मत पूरी तरह से पलट दी। सालों के संघर्ष, भूख और रिजेक्शन का फल उन्हें इस एक फिल्म की सफलता से मिला, जिसने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया।
दर्शन कुमार की कहानी एक प्रेरणा है कि हार न मानें। यह दिखाती है कि अगर आपके अंदर टैलेंट और कड़ी मेहनत करने का जुनून हो, तो सफलता एक दिन जरूर मिलती है, भले ही उसमें कितना भी समय क्यों न लगे। उनकी कहानी उन सभी लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण है जो आज भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह साबित करता है कि हर रात के बाद एक सुबह जरूर आती है, और हर संघर्ष के बाद सफलता का स्वाद सबसे मीठा होता है।