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सुधाकर सिंह ने प्रधानमंत्री की तुलना शोले के जेलर से की कहा पैसे के लिए भारत को गिरवी रख देता है क्रिकेट काउंसिल

बिहार के बक्सर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता सुधाकर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने पीएम मोदी की तुलना मशहूर हिंदी फिल्म 'शोले' के 'जेलर' किरदार से की। यह बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।


सुधाकर सिंह ने अपने भाषण में कहा कि जिस तरह 'शोले' के जेलर फिल्म में काम करने के लिए पैसे लेते थे, उसी तरह प्रधानमंत्री मोदी भी पैसों के लिए देश को बेच रहे हैं। उनका यह बयान एक तरह से पीएम की नीतियों और फैसलों पर सीधा हमला था, जिसका मकसद जनता के बीच एक मजबूत संदेश पहुंचाना था। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार देश के संसाधनों को बेच रही है और कॉर्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचा रही है।


अपने भाषण में, सुधाकर सिंह ने एक और चौंकाने वाला बयान दिया। उन्होंने क्रिकेट काउंसिल पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह काउंसिल पैसे के लिए भारत को गिरवी रख सकती है। यह बयान भारतीय क्रिकेट के प्रशासनिक निकाय पर एक गंभीर आरोप है, जो आमतौर पर राजनीतिक बयानबाजी का हिस्सा नहीं होता। सुधाकर सिंह का यह बयान कई लोगों के लिए हैरान करने वाला था, क्योंकि उन्होंने इसे देश की आर्थिक नीतियों से जोड़ा। उन्होंने दावा किया कि जिस तरह कुछ लोग पैसों के लिए देश को बेचने की कोशिश कर रहे हैं, उसी तरह क्रिकेट काउंसिल भी पैसों के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।


यह पहला मौका नहीं है जब सुधाकर सिंह ने इस तरह के बयान दिए हों। वह अपनी बेबाक और आक्रामक शैली के लिए जाने जाते हैं। उनके बयानों से अक्सर राजनीतिक विवाद खड़ा हो जाता है। इस बार, पीएम मोदी को निशाना बनाने और क्रिकेट काउंसिल जैसे गैर-राजनीतिक संगठन को इसमें घसीटने से, यह बयान और भी महत्वपूर्ण हो गया है। सुधाकर सिंह के ये बयान आगामी चुनावों और बिहार की राजनीतिक स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी और क्रिकेट काउंसिल इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।


कुल मिलाकर, सुधाकर सिंह का यह भाषण केवल एक राजनीतिक बयानबाजी नहीं, बल्कि एक गहरी रणनीति का हिस्सा लगता है। वह जनता के बीच यह संदेश फैलाना चाहते हैं कि सरकार पैसे के लिए देश के हित को नजरअंदाज कर रही है, और वह इसके लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इस तरह के बयान बिहार की राजनीति में नए मोड़ ला सकते हैं और आने वाले दिनों में और भी राजनीतिक बयानबाजी देखने को मिल सकती है।