All Trending Travel Music Sports Fashion Wildlife Nature Health Food Technology Lifestyle People Business Automobile Medical Entertainment History Politics Bollywood World ANI BBC Others

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गयाजी में किया पिंडदान: पहली बार देश के कोई राष्ट्रपति पहुंचे मोक्ष की भूमि

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने बिहार के गया शहर का एक ऐतिहासिक दौरा किया, जहां उन्होंने पिंडदान के धार्मिक अनुष्ठान में भाग लिया। यह पहला मौका है जब देश के कोई राष्ट्रपति गया में पिंडदान करने पहुंचे हैं। राष्ट्रपति का यह दौरा न केवल राजनीतिक, बल्कि धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। गया को 'मोक्ष की भूमि' कहा जाता है, और यहां पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है, ऐसी मान्यता है। राष्ट्रपति का यह कदम धार्मिक आस्था और परंपरा के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है। इस दौरान, बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान उन्हें विष्णुपद मंदिर तक छोड़ने आए, जिससे इस यात्रा की महत्ता और भी बढ़ गई।


पिंडदान और धार्मिक अनुष्ठान

पिंडदान का अनुष्ठान राष्ट्रपति ने विष्णुपद मंदिर के पास फल्गु नदी के किनारे किया। इस दौरान, उन्होंने पूरी श्रद्धा के साथ धार्मिक विधि-विधान का पालन किया। पंडितों ने उन्हें अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं के बारे में बताया और उन्होंने पूरी एकाग्रता के साथ इसे संपन्न किया। पिंडदान हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण कर्मकांड है, जिसमें मृत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए चावल और जौ के आटे से बने पिंड अर्पित किए जाते हैं। राष्ट्रपति के इस दौरे से गया की धार्मिक महत्ता को और भी अधिक प्रचार मिला है। यह दौरा न केवल बिहार के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण था।


सुरक्षा और स्वागत व्यवस्था

राष्ट्रपति के आगमन को लेकर गया शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया था। बिहार सरकार और स्थानीय प्रशासन ने राष्ट्रपति के स्वागत के लिए विशेष तैयारियां की थीं। उनके आगमन पर भव्य स्वागत किया गया, और लोगों में भी उत्साह का माहौल था। बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने व्यक्तिगत रूप से उनकी अगवानी की और उन्हें विष्णुपद मंदिर तक साथ लेकर गए, जो प्रोटोकॉल के बाहर की बात है और यह उनकी मेहमाननवाजी को दर्शाता है। यह दर्शाता है कि राष्ट्रपति के इस दौरे को कितनी गंभीरता से लिया गया था।


राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का गया में पिंडदान करना न केवल एक धार्मिक कृत्य था, बल्कि इसके गहरे राजनीतिक और सामाजिक मायने भी हैं। यह दिखाता है कि देश के सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति भी अपनी सांस्कृतिक जड़ों और परंपराओं के प्रति कितने सजग हैं। यह यात्रा समाज में धार्मिक सद्भाव और सांस्कृतिक सम्मान को बढ़ावा देने में मदद करेगी। राष्ट्रपति के इस दौरे से गया में पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सकता है, क्योंकि अब यह स्थान राष्ट्रीय स्तर पर अधिक चर्चा में आ गया है। इस दौरे ने यह भी साबित किया कि राजनीति और धर्म को एक-दूसरे से अलग रखकर भी एक-दूसरे का सम्मान किया जा सकता है।