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मेसी भारत दौरा: सॉल्ट लेक स्टेडियम में हुई भगदड़ पर PIL, कोलकाता हाईकोर्ट में CBI, ED और SFIO जांच की मांग

लियोनेल मेसी के भारत दौरे के दौरान कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम में हुए अराजक और भीड़ प्रबंधन की खामियों को लेकर न्यायिक जांच की मांग उठ गई है। मंगलवार को कोलकाता हाईकोर्ट में दो याचिकाएँ दायर की गईं, जिसमें CBI, ED और SFIO के माध्यम से पूर्ण जांच कराने की अपील की गई है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि स्टेडियम में भारी भीड़ के चलते सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह विफल रही और इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

मेसी के आगमन पर आयोजित कार्यक्रम में हजारों फुटबॉल प्रशंसक जुटे थे। सुरक्षा और आयोजन प्रबंधन में कमियों के कारण कई लोग घबराए और भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। इस घटना के बाद सोशल मीडिया और समाचार माध्यमों में भारी आलोचना हुई, जिसमें आयोजकों और स्थानीय प्रशासन पर जिम्मेदारी तय करने की मांग की गई।

याचिकाओं में दावा किया गया है कि कार्यक्रम में होने वाली भारी भीड़ और सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी के चलते नागरिकों का जीवन जोखिम में पड़ा। इसलिए न्यायिक जांच जरूरी है। याचिकाकर्ता चाहते हैं कि CBI, ED और SFIO की संयुक्त जांच से पता चले कि स्टेडियम में किस तरह की अनियमितताएँ हुईं और कार्यक्रम की योजना में सुरक्षा मानकों की अनदेखी क्यों की गई।

कोलकाता हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई की तिथि निर्धारित कर दी है। अदालत से अनुरोध किया गया है कि संबंधित अधिकारियों और आयोजकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाए। इसके साथ ही कोर्ट से यह भी अपील की गई है कि भविष्य में इस प्रकार के आयोजनों के लिए कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए जाएँ।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार के कार्यक्रमों में सुरक्षा और crowd management सबसे महत्वपूर्ण होता है। यदि भारी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं तो केवल पर्याप्त स्टाफ और प्रभावी योजना ही बड़ी आपदा से बचा सकती है। सॉल्ट लेक स्टेडियम में हुई स्थिति यह दिखाती है कि जनता की सुरक्षा के लिए बेहतर समन्वय और कड़े नियमों की आवश्यकता थी।

स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि घटना के समय मेसी और उनकी टीम पूरी तरह सुरक्षित थे, और किसी प्रकार की चोट या गंभीर नुकसान की रिपोर्ट नहीं आई। हालांकि, न्यायिक प्रक्रिया में यह देखा जाएगा कि सामान्य दर्शकों और कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए क्या उपाय किए गए थे और कौन जिम्मेदार था।

इस PIL के माध्यम से न्यायिक जांच का उद्देश्य केवल दोषियों को सजा देना नहीं है, बल्कि भविष्य में इस तरह के बड़े कार्यक्रमों के दौरान सुरक्षा और आयोजन प्रबंधन को सुदृढ़ बनाना भी है। याचिकाकर्ताओं का यह भी कहना है कि CBI, ED और SFIO के संयुक्त निरीक्षण से संगठनात्मक और वित्तीय अनियमितताओं का भी पता लगाया जा सकेगा।

फुटबॉल और खेल प्रेमी इस मामले को गंभीरता से देख रहे हैं, क्योंकि यह घटना न केवल मेसी के भारत दौरे पर बल्कि भविष्य के सभी बड़े खेल और मनोरंजन कार्यक्रमों पर भी असर डाल सकती है। अदालत के निर्णय और जांच रिपोर्ट से पता चलेगा कि किस तरह की प्रणालीगत खामियों ने स्टेडियम में उत्पन्न भगदड़ जैसी स्थिति को जन्म दिया।