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टेलीविजन पर कोकिलाबेन का किरदार निभाने से रूपा पटेल ने कैसे अपनी पहचान को एक नए आयाम तक पहुँचाया?

अभिनेत्री रूपा पटेल, जिन्हें टेलीविजन पर उनके दमदार किरदारों, खासकर 'साथ निभाना साथिया' में कोकिलाबेन के रूप में जाना जाता है, उनका फिल्मी करियर प्रख्यात निर्देशक श्याम बेनेगल की फिल्म से शुरू हुआ था। रूपा पटेल ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, बेनेगल की कलात्मक और यथार्थवादी सिनेमा से अभिनय की दुनिया में कदम रखा। बेनेगल की फिल्मों में काम करना उनके करियर के लिए एक बड़ा लॉन्चपैड साबित हुआ, जिसने उन्हें इंडस्ट्री में एक गंभीर और प्रतिभाशाली अभिनेत्री के रूप में स्थापित किया। उन्होंने 'जाने भी दो यारों' जैसी प्रतिष्ठित फिल्मों में भी काम किया है, लेकिन टेलीविजन ने उन्हें घर घर में पहचान दिलाई।


रूपा पटेल के करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब उन्होंने अपने बेटे के पालन पोषण के लिए अभिनय जगत से एक बड़ा ब्रेक लिया। अपने बच्चे को समय देने और एक माँ के रूप में अपनी प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए उन्होंने इंडस्ट्री छोड़ दी। यह निर्णय उनके करियर के शिखर पर लिया गया था, जो उनके पेशेवर समर्पण से अधिक उनके व्यक्तिगत मूल्यों को दर्शाता है। हालाँकि, कुछ वर्षों बाद वह छोटे पर्दे पर लौटीं और 'कोकिलाबेन मोदी' का किरदार निभाकर एक बार फिर सफलता के शिखर पर पहुँच गईं। यह किरदार उनकी सख्त, अनुशासित और मजबूत महिला की छवि के कारण भारतीय दर्शकों के बीच एक प्रतिष्ठित स्थान रखता है।


रूपा पटेल के सार्वजनिक जीवन में एक अनोखा किस्सा तब सामने आया जब उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय से एक पत्र मिला। इस पत्र को देखकर वह शुरुआती तौर पर घबरा गई थीं। उन्हें लगा था कि उनसे अनजाने में कोई गलती हो गई होगी। यह पत्र उन्हें प्रधानमंत्री द्वारा उनके सामाजिक रूप से प्रासंगिक काम और सशक्त किरदारों को निभाने के लिए प्रशंसा के रूप में भेजा गया था, जिसने समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाला। प्रधानमंत्री से मिली यह पहचान उनके लिए एक बड़ा सम्मान था और इसने उनके अभिनय के सामाजिक महत्व को रेखांकित किया।


इसके अलावा, रूपा पटेल ने कई बार अपने प्रशंसकों के साथ ऐसे भावनात्मक क्षण साझा किए हैं जो उनके मानवीय पक्ष को दर्शाते हैं। एक बार जब वह अपने एक दृष्टिहीन फैन से मिलीं, तो वह फैन उनसे मिलकर भावुक हो गया और उनके साथ संवाद करते समय उसके आँखों से आँसू छलक पड़े। इस तरह के गहरे जुड़ाव ने रूपा पटेल को भी भावुक कर दिया और उनकी आँखों से भी आंसू छलक उठे। ये मुलाकातें दर्शाती हैं कि उनका अभिनय केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं है, बल्कि वह लाखों लोगों के जीवन को छूता है और उनके साथ एक गहरा भावनात्मक बंधन बनाता है। रूपा पटेल का जीवन और करियर संघर्ष, त्याग और अंततः बड़ी सफलता की कहानी है, जो उनके मजबूत व्यक्तित्व और कला के प्रति समर्पण को उजागर करता है।