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ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों से सोना नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा

कीमती धातुओं के बाजार में सोने ने एक बार फिर नया इतिहास रच दिया है। वैश्विक और घरेलू दोनों ही बाजारों में सोने की कीमतें ताजा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीदें मानी जा रही हैं, जिसने निवेशकों को सोने की ओर आकर्षित किया है। जब भी ब्याज दरों में नरमी की संभावना बनती है, तो सोना पारंपरिक रूप से एक मजबूत निवेश विकल्प के रूप में उभरता है।

वैश्विक बाजारों में सोने की कीमतों में लगातार मजबूती देखी जा रही है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व सहित अन्य केंद्रीय बैंकों की नीतियों को लेकर संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले समय में ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है। कम ब्याज दरों का मतलब यह होता है कि बॉन्ड और अन्य फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स का रिटर्न कम हो सकता है, ऐसे में निवेशक सोने जैसे सुरक्षित विकल्प की ओर रुख करते हैं।

सोना न केवल महंगाई से बचाव का जरिया माना जाता है, बल्कि अनिश्चित आर्थिक माहौल में पूंजी को सुरक्षित रखने का भी एक विश्वसनीय साधन है। मौजूदा समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था कई चुनौतियों से जूझ रही है, जिनमें भू-राजनीतिक तनाव, धीमी आर्थिक वृद्धि और वित्तीय बाजारों में अस्थिरता शामिल है। ऐसे माहौल में सोने की मांग स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती है।

घरेलू बाजार में भी सोने की कीमतों में तेजी देखी गई है। अंतरराष्ट्रीय कीमतों के साथ-साथ कमजोर रुपये ने भी घरेलू सोने को महंगा बनाने में भूमिका निभाई है। निवेशकों और ज्वैलरी कारोबारियों की नजरें बाजार पर टिकी हुई हैं, क्योंकि कीमतों में यह तेजी शादी-विवाह के मौसम और त्योहारों की मांग को प्रभावित कर सकती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि रेट-कट की उम्मीदों के अलावा केंद्रीय बैंकों द्वारा लगातार सोने की खरीद भी कीमतों को सहारा दे रही है। कई देशों के केंद्रीय बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार में विविधता लाने के लिए सोने की हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं। इससे बाजार में दीर्घकालिक मांग मजबूत बनी हुई है।

हालांकि, कुछ विश्लेषक यह भी चेतावनी दे रहे हैं कि इतनी तेज़ बढ़त के बाद अल्पकालिक मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है। निवेशकों का एक वर्ग ऊंचे स्तर पर मुनाफा बुक कर सकता है, जिससे कीमतों में थोड़ी गिरावट संभव है। इसके बावजूद, लंबी अवधि के नजरिए से सोने का रुझान सकारात्मक बना हुआ है।

रेट-कट की उम्मीदें अगर हकीकत में बदलती हैं, तो सोने की कीमतों को और समर्थन मिल सकता है। इसके विपरीत, यदि केंद्रीय बैंक अपेक्षा से अधिक सख्त रुख अपनाते हैं, तो बाजार में कुछ दबाव देखने को मिल सकता है। यही कारण है कि निवेशक अब आर्थिक आंकड़ों और केंद्रीय बैंक के बयानों पर करीबी नजर बनाए हुए हैं।

ज्वैलरी उद्योग के लिए बढ़ती कीमतें एक चुनौती भी हैं। ऊंचे दामों के चलते खुदरा मांग पर असर पड़ सकता है, खासकर मूल्य-संवेदनशील बाजारों में। हालांकि निवेश मांग इस कमी को कुछ हद तक संतुलित कर सकती है। डिजिटल गोल्ड और गोल्ड ईटीएफ जैसे विकल्पों ने भी निवेशकों को सोने में निवेश के नए रास्ते दिए हैं।

निवेश सलाहकारों का कहना है कि सोने में निवेश करते समय संतुलन बनाए रखना जरूरी है। पोर्टफोलियो में सोने की एक सीमित हिस्सेदारी जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है। मौजूदा तेजी को देखते हुए नए निवेशकों को चरणबद्ध तरीके से निवेश करने की सलाह दी जा रही है।

कुल मिलाकर, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों ने सोने की कीमतों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की चमक एक बार फिर साबित हुई है। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्रीय बैंकों के फैसले और वैश्विक आर्थिक हालात सोने की इस तेजी को कितना आगे ले जाते हैं। फिलहाल बाजार में सोने का रुझान मजबूत बना हुआ है और निवेशकों की नजरें इसके अगले कदम पर टिकी हुई हैं।