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मनाली में 'कंगना गो बैक' के लगे नारे|

मनाली में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने पहुंची मंडी सांसद कंगना रनौत को यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा। यह घटना उस समय एक बड़ा राजनीतिक विवाद बन गई, जब कांग्रेस और कंगना के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। कांग्रेस का आरोप था कि कंगना आपदा के समय गायब थीं और अब जब राजनीतिक लाभ लेना है, तो दौरे पर आई हैं। वहीं, कंगना ने इसके जवाब में कांग्रेस सरकार पर केंद्र से मिली राहत राशि का सही इस्तेमाल न करने का आरोप लगाया। यह पूरी कहानी सिर्फ एक विरोध प्रदर्शन तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसमें राजनीतिक दलों की आपसी खींचतान और बाढ़ पीड़ितों की पीड़ा पर सियासी बयानबाजी भी शामिल हो गई।


विरोध प्रदर्शन की शुरुआत पतलीकूहल में हुई, जहाँ यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने काले झंडे लेकर 'कंगना गो बैक' के नारे लगाए। उनका कहना था कि जब हिमाचल प्रदेश सदी की सबसे बड़ी आपदा से जूझ रहा था, तब कंगना रनौत कहाँ थीं? उनकी अनुपस्थिति पर सवाल उठाए गए और उनके दौरे को केवल "देर से किया गया दिखावा" बताया गया। प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि कंगना को प्रदेश की समस्याओं से ज्यादा मुंबई और अपनी फिल्मों की चिंता रहती है। इस दौरान भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हल्की झड़प भी हुई, जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। यह घटना हिमाचल की शांत राजनीति में एक बड़ा उबाल लेकर आई, जिसने दोनों दलों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया।


अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देते हुए कंगना रनौत ने कांग्रेस सरकार पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि उनके पास कोई रिलीफ और डिजास्टर फंड नहीं है और एक सांसद के तौर पर उनका काम संसद तक सीमित होता है, फिर भी वह अपनी संवेदना लेकर आई हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल को 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि दी है, लेकिन प्रदेश सरकार ने उसका सही इस्तेमाल नहीं किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार पर भ्रष्टाचार और निष्क्रियता का आरोप लगाया। कंगना ने कहा कि राज्य सरकार अगर केंद्र से मिली मदद का हिसाब किताब नहीं देगी, तो आगे मदद क्यों मिलेगी?


इस पूरे विवाद में एक और घटना ने आग में घी का काम किया। दौरे के दौरान कंगना का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह एक महिला से बात करते हुए अपने मनाली स्थित रेस्टोरेंट के नुकसान का जिक्र करती नजर आईं। उन्होंने कहा कि "मेरा भी रेस्टोरेंट यहीं है, कल 50 रुपये का बिजनेस हुआ है।" इस बयान को सोशल मीडिया पर काफी आलोचना का सामना करना पड़ा। लोगों ने इसे संवेदनहीन करार दिया और कहा कि जहाँ लोग अपने घर और परिवार खो चुके हैं, वहाँ एक सांसद को अपने व्यवसाय के नुकसान का रोना नहीं रोना चाहिए। कांग्रेस ने इस वीडियो को कंगना के अहंकार और जनभावना से कटे होने का सबूत बताया, जिसने इस राजनीतिक युद्ध को एक नया आयाम दिया। यह पूरा प्रकरण हिमाचल की आपदा के बीच राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप और जनभावनाओं की अनदेखी की एक कहानी बन गया।