₹३,१९९ करोड़ का तिमाही लाभ और ₹२५,००० करोड़ का राइट्स इश्यू: अडाणी एंटरप्राइजेज के वित्तीय निर्णय और भविष्य के बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए पूंजी जुटाने की योजना
अडाणी समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) ने वित्त वर्ष २०२६ की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के लिए शानदार समेकित शुद्ध लाभ दर्ज किया है। कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर ८४% बढ़कर ₹३,१९९ करोड़ हो गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में ₹१,७४२ करोड़ था। हालांकि, यह जबरदस्त उछाल मुख्य रूप से उसके कृषि व्यवसाय संयुक्त उद्यम अडाणी विल्मर लिमिटेड (AWL) (जिसे अब AWL एग्री बिजनेस लिमिटेड कहा जाता है) में हिस्सेदारी की बिक्री से मिले एक असाधारण लाभ (Exceptional Gain) के कारण हुआ है।
कंपनी ने अपनी नियामक फाइलिंग में बताया कि उसे इस तिमाही में ₹३,५८३ करोड़ का एकमुश्त असाधारण लाभ हुआ है, जो AWL एग्री बिजनेस लिमिटेड में २८ अक्टूबर २०२५ को समाप्त तिमाही के दौरान आंशिक हिस्सेदारी की बिक्री से संबंधित है। अडाणी एंटरप्राइजेज ने अपनी गैर प्रमुख एफएमसीजी (FMCG) कारोबार से बाहर निकलने की रणनीति के तहत यह हिस्सेदारी सिंगापुर की विल्मर इंटरनेशनल को बेची है, जिसके बाद AWL एग्री बिजनेस का स्टेटस अडाणी समूह के लिए संयुक्त रूप से नियंत्रित इकाई से बदलकर सहयोगी कंपनी का हो गया है। इस विनिवेश से प्राप्त राशि का उपयोग कंपनी अपने मुख्य बुनियादी ढांचे (Core Infrastructure) के व्यवसायों, जैसे कि ग्रीन एनर्जी, एयरपोर्ट्स, डेटा सेंटर्स और रोड्स पर केंद्रित निवेश के लिए करेगी।
एक तरफ जहां मुनाफे में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है, वहीं तिमाही के दौरान कंपनी के परिचालन से होने वाले राजस्व (Revenue from Operations) में सालाना आधार पर ६% की गिरावट आई है। यह आय पिछले साल की समान अवधि के ₹२२,६०८ करोड़ से घटकर ₹२१,२४९ करोड़ रही। इस गिरावट का मुख्य कारण कंपनी के कोयला व्यापार खंड (Coal Trading Segment) में आई कमजोरी रही, जो ऐतिहासिक रूप से अडाणी एंटरप्राइजेज के राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत रहा है। आलोच्य तिमाही में कोयला व्यापार से राजस्व में २९% की कमी आई है।
हालांकि, कंपनी के कोर इंफ्रास्ट्रक्चर व्यवसायों ने मजबूत प्रदर्शन जारी रखा है। नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट जैसे उभरते हुए खंडों में वृद्धि देखने को मिली है, जो आगे चलकर कंपनी के लिए प्रमुख विकास इंजन (Growth Engine) बनेंगे। इसके अतिरिक्त, कंपनी के बोर्ड ने राइट्स इश्यू के माध्यम से ₹२५,००० करोड़ तक जुटाने की मंजूरी दी है, जो इसके बड़े पैमाने पर विस्तार की योजनाओं को फंड करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पूंजी जुटाना कंपनी को भारत के सतत, तकनीक-संचालित भविष्य की ओर बदलाव को गति देने के लिए आवश्यक है।