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निवेशकों की खरीदारी से सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी के संकेत

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स में हाल ही में हुए बदलावों का असर शेयर बाजार पर साफ दिखाई दिया। सोमवार के कारोबारी सत्र की शुरुआत सकारात्मक रही और शुरुआती घंटे में ही सेंसेक्स 200 अंक से ज्यादा चढ़ गया। निफ्टी में भी 50 अंकों की बढ़त दर्ज की गई। निवेशकों में उत्साह का माहौल दिखा, खासतौर पर उन सेक्टर्स में जिन्हें नए टैक्स ढांचे से राहत मिलने की संभावना है।


सबसे ज्यादा बढ़त ऑटो और एफएमसीजी सेक्टर के शेयरों में देखने को मिली। जीएसटी दरों में बदलाव से उपभोक्ता मांग बढ़ने की उम्मीद है, जिसका सीधा फायदा इन कंपनियों को मिल सकता है। ऑटो कंपनियों के लिए कम टैक्स का मतलब वाहनों की कीमतों में स्थिरता और ग्राहकों के लिए बेहतर खरीदारी माहौल है। एफएमसीजी कंपनियों को भी कम दरों से प्रोडक्ट की लागत में राहत मिलेगी, जिससे बिक्री में तेजी आने की संभावना है।


विश्लेषकों का मानना है कि सरकार का यह कदम आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की दिशा में सहायक हो सकता है। कम टैक्स से उपभोक्ताओं के हाथ में ज्यादा पैसे बचेंगे, जिससे खर्च बढ़ेगा और बाजार की मांग सुधरेगी। यही कारण है कि निवेशकों ने तेजी से खरीदारी की और बाजार में सकारात्मक रुख बना रहा।


बैंकिंग और मेटल सेक्टर के शेयरों में भी हल्की बढ़त देखी गई, लेकिन आईटी और फार्मा शेयर अपेक्षाकृत स्थिर रहे। कुल मिलाकर बाजार की धारणा यह रही कि टैक्स में कटौती का फायदा सीधे तौर पर उपभोक्ता आधारित उद्योगों को मिलेगा और यही स्टॉक्स तेजी की राह पर रहे।


निवेशकों का ध्यान अब यह देखने पर होगा कि आने वाले हफ्तों में जीएसटी बदलावों का वास्तविक असर कंपनियों की कमाई और मांग पर कितना पड़ता है। अगर शुरुआती उम्मीदों के मुताबिक बिक्री में तेजी आती है, तो बाजार में यह रैली लंबे समय तक जारी रह सकती है। हालांकि विशेषज्ञों ने यह भी चेतावनी दी है कि वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और कच्चे तेल की कीमतों जैसी बाहरी चुनौतियों पर भी नजर रखना जरूरी होगा, क्योंकि उनका असर भारतीय बाजारों पर पड़ सकता है।


कुल मिलाकर, जीएसटी ढांचे में बदलाव ने शेयर बाजार को सकारात्मक शुरुआत दी है। सेंसेक्स और निफ्टी की यह मजबूती निवेशकों के विश्वास को दर्शाती है कि सुधारों से उपभोक्ता मांग और कंपनियों की आय दोनों को बल मिलेगा। आने वाले कारोबारी सत्रों में यह देखना अहम होगा कि क्या यह तेजी बनी रहती है या फिर बाजार बाहरी कारकों से प्रभावित होकर स्थिरता की ओर बढ़ता है।