हेल्थ टिप्स: तुरई खाने का सही तरीका और सावधानियाँ
तुरई (ridge gourd) भारतीय रसोई की एक बेहद हल्की और सेहतमंद सब्ज़ी है। इसमें कैल्शियम, पोटेशियम, विटामिन-C, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यही वजह है कि तुरई को आयुर्वेद में भी पाचन सुधारने और शरीर को डिटॉक्स करने वाली सब्ज़ी माना गया है।
तुरई खाने के 9 हेल्थ बेनिफिट्स
-
वेटलॉस में मददगार – कम कैलोरी और ज़्यादा फाइबर होने के कारण तुरई वज़न कम करने में मदद करती है।
-
पाचन सुधारती है – तुरई खाने से कब्ज़ और गैस की समस्या दूर होती है।
-
इम्युनिटी बूस्ट करती है – इसमें मौजूद विटामिन-C शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है।
-
दिल की सेहत के लिए अच्छी – पोटेशियम ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखता है।
-
हड्डियों को मजबूत बनाती है – कैल्शियम और आयरन हड्डियों और दांतों को मज़बूत करते हैं।
-
शरीर को ठंडक देती है – तुरई खाने से बॉडी हीट कम होती है और डिटॉक्सिफिकेशन होता है।
-
डायबिटीज़ के मरीजों के लिए फायदेमंद – इसमें शुगर लेवल कंट्रोल करने वाले गुण पाए जाते हैं।
-
स्किन और हेयर हेल्थ के लिए अच्छी – एंटीऑक्सीडेंट्स झुर्रियों को रोकते हैं और बाल मज़बूत करते हैं।
-
एनर्जी बूस्टर – तुरई में पानी और मिनरल्स ज़्यादा होते हैं, जिससे शरीर हाइड्रेट रहता है।
किन लोगों को तुरई नहीं खानी चाहिए?
डॉक्टरों के मुताबिक:
-
लो ब्लड प्रेशर वाले लोगों को तुरई का सेवन सीमित करना चाहिए, क्योंकि इसमें पोटेशियम ज़्यादा होता है।
-
जिनको एलर्जी या पेट में अत्यधिक एसिडिटी की समस्या है, उन्हें तुरई से परहेज़ करना चाहिए।
-
कमजोर पाचन वाले लोग अगर तुरई ज़्यादा खा लें तो दस्त हो सकते हैं।
तुरई खाने का सही तरीका
-
हमेशा ताज़ी और हरी तुरई का इस्तेमाल करें।
-
बहुत ज़्यादा पकी हुई या कड़वी तुरई का सेवन न करें।
-
तुरई को उबालकर, हल्की सब्ज़ी या सूप बनाकर खाना सबसे हेल्दी होता है।
निष्कर्ष: तुरई सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है और इसे डाइट में शामिल करने से कई बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। लेकिन अगर आपको लो BP, एलर्जी या पेट की समस्या है तो डॉक्टर की सलाह के बिना तुरई न खाएँ।