महंगाई और मंदी की दोहरी मार: ओला-उबर किराया दोगुना, रोजमर्रा के सामान सस्ते, माइक्रोसॉफ्ट में छंटनी
देश और दुनिया की अर्थव्यवस्था में इन दिनों तीन बड़े बदलाव चर्चा में हैं कैब किराए में बढ़ोतरी, रोजमर्रा के सामान की कीमतों में संभावित गिरावट, और माइक्रोसॉफ्ट द्वारा बड़े स्तर पर की गई छंटनी।
ओला-उबर अब पीक ऑवर्स में वसूल सकेंगी दोगुना किराया
नए परिवहन नियामकों के अंतर्गत, ऐप-बेस्ड टैक्सी सेवाओं ओला और उबर को अब अधिकार होगा कि वे पीक ऑवर्स (सुबह 8–11 बजे और शाम 5–9 बजे) में दोगुना तक किराया वसूल सकें। इससे उन यात्रियों को जेब पर ज्यादा भार पड़ेगा जो ऑफिस या घर आने-जाने के लिए कैब पर निर्भर हैं।
हालांकि कंपनियों का कहना है कि यह फैसला ड्राइवर की कमाई बढ़ाने और उपलब्धता बनाए रखने के लिए लिया गया है, लेकिन यात्रियों के लिए यह एक और महंगाई की मार जैसा महसूस हो सकता है।
टूथपेस्ट, कपड़े, जूते और बर्तन हो सकते हैं सस्ते
दूसरी ओर, कुछ राहत भरी खबर भी सामने आई है। बाजार विशेषज्ञों का अनुमान है कि रॉ मटीरियल्स की कीमतों में गिरावट के कारण दैनिक उपयोग के कई प्रोडक्ट जैसे टूथपेस्ट, कपड़े, जूते और किचन बर्तन आने वाले समय में सस्ते हो सकते हैं।
उद्योग जगत में प्रतिस्पर्धा और उत्पादन लागत में कमी के चलते ब्रांड्स अब डिस्काउंट्स और ऑफर्स के ज़रिए उपभोक्ताओं को राहत देने की तैयारी में हैं। यह मध्यम वर्ग के लिए थोड़ी राहत ला सकता है जो हाल ही में लगातार बढ़ती कीमतों से परेशान है।
माइक्रोसॉफ्ट ने 9,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला
दुनिया की प्रमुख टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने एक बार फिर बड़ी छंटनी की है। कंपनी ने अपने विभिन्न डिपार्टमेंट्स से 9,000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
इस छंटनी के पीछे का कारण ऑपरेशनल कॉस्ट कम करना और AI तथा ऑटोमेशन पर फोकस बढ़ाना बताया जा रहा है। हालांकि, इससे हजारों कर्मचारियों और उनके परिवारों पर असर पड़ेगा, और ये वैश्विक मंदी के संकेतों को और मजबूत करता है।
जहां एक ओर ट्रांसपोर्ट और नौकरी जैसे क्षेत्र चुनौतीपूर्ण होते जा रहे हैं, वहीं आम जनता के लिए जरूरी प्रोडक्ट्स में कुछ राहत की उम्मीद बनी हुई है। यह समय है सतर्क रहने का—चाहे वह बजट प्रबंधन हो या करियर प्लानिंग। वर्तमान अर्थव्यवस्था में समझदारी से फैसला लेना ही सफलता की कुंजी है।