CBI चार्जशीट का रिलायंस इंफ्रा पर असर नहीं: कंपनी ने स्पष्ट किया, 'मामला अनिल अंबानी से जुड़ा, कारोबार सामान्य रहेगा'
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infra) ने हाल ही में जारी एक बयान में कहा है कि CBI द्वारा उनके चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ दायर की गई चार्जशीट का कंपनी के कारोबार और भविष्य की योजनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कंपनी ने यह स्पष्ट किया है कि यह मामला व्यक्तिगत है और इसका रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के संचालन से कोई सीधा संबंध नहीं है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब CBI ने अनिल अंबानी और अन्य के खिलाफ कुछ पुराने मामलों को लेकर चार्जशीट दाखिल की है, जिससे बाजार में कुछ अटकलें लगाई जा रही थीं। कंपनी ने इन अटकलों को खारिज करते हुए निवेशकों और हितधारकों को आश्वस्त किया है कि उनका कारोबार सामान्य रूप से चलता रहेगा।
अनिल अंबानी के खिलाफ CBI मामला
CBI ने अनिल अंबानी के खिलाफ कथित तौर पर भ्रष्टाचार और अन्य संबंधित मामलों में एक चार्जशीट दायर की है। हालांकि, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने इस मामले पर सीधे तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन यह साफ कर दिया है कि यह आरोप कंपनी से संबंधित नहीं हैं। कंपनी का कहना है कि यह मामला अनिल अंबानी की व्यक्तिगत क्षमता से जुड़ा है। इस बयान के जरिए कंपनी ने खुद को इस विवाद से दूर रखने की कोशिश की है, ताकि उसके शेयरधारकों और निवेशकों का विश्वास बना रहे। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने इस बात पर जोर दिया है कि कंपनी पूरी तरह से कानूनी और पारदर्शी तरीके से काम करती है, और किसी भी अनियमितता का उसके कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
कंपनी के कारोबार पर असर नहीं पड़ेगा
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रवक्ता ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "हम अपने चेयरमैन के खिलाफ दायर की गई चार्जशीट से अवगत हैं, लेकिन हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि इस मामले का कंपनी के मौजूदा या भविष्य के कारोबार पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।" कंपनी ने कहा कि वह अपनी सभी परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और उसके पास पर्याप्त वित्तीय और परिचालन क्षमता है। कंपनी के अधिकारियों ने यह भी बताया कि वे अपने सभी कानूनी दायित्वों का पालन करते हैं और किसी भी जांच में पूरा सहयोग करेंगे। इस स्पष्टीकरण से यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि कंपनी एक मजबूत और स्वतंत्र संस्था है, जो अपने चेयरमैन के व्यक्तिगत मामलों से प्रभावित नहीं होगी।
निवेशकों का विश्वास बनाए रखने का प्रयास
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का यह बयान निवेशकों का विश्वास बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। अक्सर, जब किसी बड़ी कंपनी के शीर्ष अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होती है, तो कंपनी के शेयरों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कंपनी ने इस स्थिति से बचने के लिए तुरंत प्रतिक्रिया दी और यह साफ कर दिया कि वह अपने कारोबार पर ध्यान केंद्रित कर रही है। यह बयान न केवल निवेशकों को आश्वस्त करेगा, बल्कि यह भी दिखाएगा कि कंपनी अपने कॉर्पोरेट गवर्नेंस के मानकों को गंभीरता से लेती है।