चांदी के दाम में भी बड़ी बढ़ोतरी: एक ही दिन में ₹६,८५० का उछाल सोना ₹१.२३ लाख पर पहुँचा घरेलू और वैश्विक कारणों का असर
त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ ही भारतीय बुलियन बाजार में सोने और चांदी की कीमतों ने ऐतिहासिक रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पिछले चार दिनों में सोने के दाम में अभूतपूर्व उछाल देखने को मिला है। १० ग्राम सोने की कीमत में ₹५,६७५ की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिसके चलते यह ₹१.२३ लाख के रिकॉर्ड स्तर को पार कर गया है। केवल सोना ही नहीं, बल्कि चांदी के दामों में भी एक ही दिन में ₹६,८५० की जबरदस्त तेजी आई है, जिसने निवेशकों और उपभोक्ताओं दोनों को हैरान कर दिया है।
कीमतों में इस तीव्र वृद्धि का मुख्य कारण घरेलू मांग और वैश्विक अस्थिरता का मिश्रण है। भारत में त्योहारी सीजन (जैसे कि धनतेरस और दिवाली) की शुरुआत हो चुकी है, जिसके कारण सोने चांदी की भौतिक मांग में भारी इजाफा हुआ है। सोने को शुभ निवेश मानने की भारतीय परंपरा इस मांग को और बढ़ा देती है।
इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी सोने में निवेशकों की रुचि बढ़ी है। बढ़ती वैश्विक महंगाई, विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की रिकॉर्ड खरीदारी और भूराजनीतिक तनाव ने सोने को सुरक्षित निवेश (Safe Haven) के रूप में मजबूती दी है, जिससे इसकी अंतरराष्ट्रीय कीमतों में इजाफा हुआ है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह तेजी केवल मांग आधारित नहीं है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों पर नरमी बरतने के संकेत और अमेरिकी डॉलर की कमजोरी ने भी सोने को बल दिया है। जब डॉलर कमजोर होता है, तो अन्य मुद्राओं के धारकों के लिए सोना सस्ता हो जाता है, जिससे इसकी मांग बढ़ती है। इसी तरह, चांदी में औद्योगिक मांग और सोने के साथ सहसंबंध के कारण तेज वृद्धि देखने को मिली है। एक ही दिन में ₹६,८५० का उछाल चांदी की तेज अस्थिरता (Volatility) को दर्शाता है।
इस रिकॉर्ड वृद्धि के बावजूद, निवेशक अभी भी सोने में अपना भरोसा बनाए हुए हैं। कई विश्लेषकों का मानना है कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं को देखते हुए, सोने की कीमतें आने वाले समय में और बढ़ सकती हैं। हालांकि, उपभोक्ताओं के लिए, विशेष रूप से जो लोग गहने खरीदने की योजना बना रहे हैं, यह मूल्य वृद्धि एक बड़ा झटका है। कई मध्यम वर्ग के खरीदार अब हल्के वजन के सोने या चांदी के आभूषणों की ओर रुख कर सकते हैं या अपनी खरीद की मात्रा कम कर सकते हैं।
बुलियन बाजार की यह स्थिति इस बात को प्रमाणित करती है कि सोना अभी भी आर्थिक सुरक्षा का सबसे विश्वसनीय साधन है। आने वाले दिनों में, बाजार की नजर अमेरिकी आर्थिक डेटा और वैश्विक तनाव पर टिकी रहेगी, जो सोने चांदी की कीमतों की अगली दिशा तय करेंगे।