स्पेन में भीषण हीटवेव ने तोड़ा 60 वर्षों का रिकॉर्ड
यूरोप इस समय अभूतपूर्व हीटवेव की चपेट में है। स्पेन में गर्मी ने पिछले 60 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया, जहां कई इलाकों में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। इस चरम तापमान ने ना केवल जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि पुर्तगाल, इटली और क्रोएशिया जैसे देशों में भी हीटवेव को लेकर रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्थिति जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणामों का संकेत है।
स्पेन में तपती गर्मी से जनजीवन अस्त-व्यस्त
स्पेन के कई दक्षिणी और मध्य हिस्सों में अत्यधिक गर्मी के कारण लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है। अस्पतालों में हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और अन्य गर्मी से संबंधित बीमारियों के मामले तेजी से बढ़े हैं। विशेष रूप से बुजुर्ग और बच्चे इस गर्मी के प्रकोप से सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
कृषि क्षेत्र पर भी इसका सीधा प्रभाव देखा जा रहा है — फसलें सूख रही हैं, जलस्तर गिर रहा है और मवेशियों के लिए चारे की कमी हो रही है। इसके अलावा जंगलों में आग लगने की घटनाएं भी तेजी से बढ़ी हैं।
रेड अलर्ट: पुर्तगाल, इटली और क्रोएशिया में सावधानी
यूरोप के अन्य हिस्सों में भी हालात बेहद चिंताजनक हो गए हैं।
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पुर्तगाल के कुछ हिस्सों में तापमान 44 डिग्री के पार जा चुका है, जिससे जंगलों में भीषण आग लगी है।
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इटली में लगातार बढ़ते तापमान को देखते हुए पर्यटकों को सख्त चेतावनी दी गई है।
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क्रोएशिया में भी लोगों को दोपहर के समय बाहर न निकलने की सलाह दी गई है, क्योंकि तापमान 42 डिग्री तक पहुंच गया है।
सभी देशों की सरकारें हाई अलर्ट पर हैं और मेडिकल इमरजेंसी सेवाओं को सक्रिय कर दिया गया है।
जलवायु परिवर्तन की चेतावनी
जलवायु वैज्ञानिकों का मानना है कि यह स्थिति सामान्य नहीं है और यह वैश्विक जलवायु परिवर्तन का सीधा परिणाम है। कार्बन उत्सर्जन, जंगलों की कटाई और औद्योगिकीकरण ने वातावरण को असंतुलित कर दिया है। अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में हीटवेव और भी ज्यादा घातक साबित हो सकती है।
नागरिकों के लिए सुझाव
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धूप में बाहर निकलने से बचें
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खूब पानी पिएं और शरीर को हाइड्रेट रखें
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हल्के और सूती कपड़े पहनें
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बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान रखें
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स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें