आईपीएल और अंडर 19 क्रिकेट में रिकॉर्ड बनाने वाले युवा प्रतिभागी वैभव सूर्यवंशी के प्रथम श्रेणी करियर की आगे की चुनौतियाँ और अपेक्षाएँ
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक अभूतपूर्व घटनाक्रम सामने आया है, जहां 14 वर्षीय प्रतिभाशाली बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी को आगामी रणजी ट्रॉफी सीजन के शुरुआती दो मैचों के लिए बिहार क्रिकेट टीम का उपकप्तान नियुक्त किया गया है। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) ने यह घोषणा रविवार देर रात की। इस टीम की कमान सकीबुल गनी संभालेंगे, जिन्हें प्रथम श्रेणी क्रिकेट में तिहरा शतक लगाने का अनुभव है। यह फैसला भारतीय घरेलू क्रिकेट में युवा प्रतिभा को उच्च स्तर पर प्रोत्साहन देने की दिशा में एक बड़ा और साहसिक कदम है।
वैभव सूर्यवंशी का क्रिकेट के मैदान पर सफर किसी सनसनी से कम नहीं रहा है। उन्होंने मात्र 12 साल की उम्र में ही प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया था और इस वर्ष इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए सबसे कम उम्र में शतक लगाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। ऑस्ट्रेलिया में भारत की अंडर 19 टीम के साथ हालिया दौरे पर भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा था, जहां उन्होंने युवा टेस्ट में 78 गेंदों पर शतक लगाया था। उनका यह तेज गति से उभार उन्हें क्रिकेट जगत का नया सितारा बना रहा है।
वैभव को उपकप्तान बनाए जाने का फैसला बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के उस इरादे को दर्शाता है, जिसके तहत वह टीम में नई ऊर्जा और युवा नेतृत्व का संचार करना चाहता है। पिछला रणजी सीजन बिहार के लिए अच्छा नहीं रहा था, जिसके कारण टीम को प्लेट लीग में डिमोट कर दिया गया था। अब, सकीबुल गनी और वैभव सूर्यवंशी की युवा जोड़ी पर टीम को वापस एलीट ग्रुप में लाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होगी। यह कदम बिहार क्रिकेट की छवि को भी सकारात्मक रूप से बदलने की क्षमता रखता है।
रणजी ट्रॉफी का 2025 26 सीजन 15 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। बिहार टीम अपने अभियान की शुरुआत पटना के मोइन उल हक स्टेडियम में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ करेगी। इसके बाद, टीम 25 अक्टूबर से नाडियाड में मणिपुर के खिलाफ अपना दूसरा मैच खेलेगी। 15 सदस्यीय टीम में वैभव और सकीबुल के अलावा पीयूष कुमार सिंह, भास्कर दुबे और बिपिन सौरभ जैसे खिलाड़ी भी शामिल हैं, जो टीम की बल्लेबाजी को मजबूती देंगे।
हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रथम श्रेणी क्रिकेट के दबाव और लंबी अवधि के प्रारूप में यह युवा उपकप्तान किस तरह से अपने खेल और नेतृत्व को आगे बढ़ाता है। विशेषज्ञ इसे एक असाधारण फैसला मान रहे हैं, जो भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए एक उज्जवल संकेत है। यह घोषणा न केवल वैभव के लिए, बल्कि बिहार और देश के सभी युवा क्रिकेटरों के लिए एक बड़ी प्रेरणा है कि प्रतिभा को उम्र की सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता है।